Thursday, December 30, 2010

Shers.In

Shers.In


Meri Judai Uske Liye Sabak Ban Jaye

Posted: 30 Dec 2010 01:47 AM PST

Na Dard, Na Dil Mein Koi Kasak Ban Jaye,
Kaash Meri Judai, Uske Liye Sabak Ban Jaye,
Use Takleef Dena Meri Hashraton Mein Shumar Na Tha,
Humne To Sirf Itna Chaha Ke Uski Fitrat Badal Jaye.

By Md Hakim


Iss Kadar Chalakte Hai Aansu

Posted: 30 Dec 2010 12:56 AM PST

Iss Kadar Chalakte Hai Aansu,
Palkon Pe Chupa Nahi Sakta,

Mere Kadam Rokte Hai Mujhko,
Uske Dar Pe Ja Nahi Sakta,

Najane Kiski Galti Thi,
Koi Rooth Gaya Tha Humse,

Aaj Use Manane Ki Khwahish Hai,
Par Majboor Hu Itna Ke Mana Nahi Sakta.

By Md Hakim


Kaise Mein Guzarun Din Tum Bin

Posted: 29 Dec 2010 09:34 PM PST

ख़ामोश रहेंगी पीपल पर, बैठी हुई ये चिड़ियाँ कब तक
और फूल बनेंगी गुलशन में, अरमानो की कलियाँ कब तक

तुम दिल पर अपने हाँथ रखो,फिर बोलो क्या आसान है ये
कैसे मैं गुजारूँ दिन तुम बिन,सूनी रखूँ ये रतियाँ कब तक

ऐ चाँद सितारों तुम ही कहो, वो किस नगरी में रहते हैं
दरसन को उनके तरसेंगी, प्यासी मेरी अँखियाँ कब तक

तुमने तो कहा था आने को, और वादा कर के भूल गए
मैं सोच रही हूँ क्या होगा, छेड़ेंगी मुझे सखियाँ कब तक

कोयल तेरी बोली मीठी है, पर मन मेरा कब तक तरसेगा
मिसरी कानों में घोलेंगी, प्रियतम की मेरे बतियाँ कब तक

मैं उनसे मिलन को जाऊँगी, तू इतना बता दे मुझको सखी
बरसात भला कब ठहरेगी, उतरेंगी भला नदियाँ कब तक

कहते हैं अदीब और शाइर ये गुज़रेगा इधर से कोई ‘रक़ीब’
अब देखना है ये देखेंगे, सूनी हैं तेरी गलियाँ कब तक

By Satish Shukla “Raqeeb”


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